क्‍या आप जानते हैं लोक सभा सिर्फ पैसे बालों के लिए बनी है 

हम लोकतंत्र चर्चा करते हैं, की, भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है लोकतंत्र का मंदिर सांसद होती है तो पहले हम जानते हैं  लोकतंत्र क्या होता है? लोकतंत्र लोगों के भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए, जिसमें समस्याओं का समाधान हो, समानता हो, न्याय होता हो।

लोकतंत्र दो तरह क होता है प्रत्यक्ष लोकतंत्र और अप्रत्यक्ष लोकतंत्र,

 प्रत्यक्ष लोकतंत्र स्विट्जरलैंड में पाया जाता है और हमारे देश में ग्राम सभा इसका  उदाहरण है  प्रत्यक्ष रूप से इतने बड़े देश में सभी की भागीदारी संभव नहीं है इसलिए अप्रत्यक्ष लोकतान्त्रिक प्रणाली है. जिसमें प्रतिनिधियों को, जिसको अधिक वोट मिलते हैं वह जीत जाता है

आनुपातिक प्रतिनिधित्व  विधान परिषद के प्रतिनिधियों को चुनने के लिए अपनाया जाता है सीमित में दो वोट का अधिकार होता है जिसमे तीन प्रत्याशियों को चुना जाता है 

आयरलैंड में सबसे पुराना लोकतंत्र  है उत्तरी यूरोप में प्रतिनिधि लोकतंत्र अस्तित्व में आया.  भारत में लोकतंत्र की स्थापना लोक तांत्रिक गणराज्य के रूप में हुई.

जान प्रतिनिधि अधिनियम की धारा ४ सी ४, सीसी, ४ सी सी सी के अनुसार असम , लक्षदीप  तथा सिक्किम को छोड़कर कोई भी व्यक्ति पूरे देश में कही भी चुनाव लड़ सकता है यह कितना सुखद लगता है

सामान्य आदमी को तो पार्टियां टिकिट नहीं देंगे। मतदाता सूची के पैसे देने पड़ेंगे।

 10 प्रस्तावक लाने होंगे और जमानत के लिए ₹25000 की राशि जमा करनी पड़ेगी। यह सब नियम आम आदमी की भागीदारी को रोकने के लिए बनाए गए हैं।

  देश की ९० फ़ीसदी आवादी 25000 रूपये जमा नहीं कर सकती है.

९५ लाख रूपये चुनाव खर्च के लिए होना चाहिए। अन्य तरीके से कितना खर्च करते हैं जो दिखाई नहीं देता है

जो भारत के संविधान की मूल भावना के खिलाफ हैं

 लोगों को पैसों का प्रलोभन देते हैं धर्म के नाम पर लोगों को

गलत तरीके भड़कते है

गलत कृत्य करने बालो को 3 साल के लिए अयोग्य घोषित किया जाता है  साल चुनाव आते हैं तो वह चुनाव में भाग ले सकता है.

95 लाख चुनाव खर्च करने के लिए व्यवस्था है इस तरह से देश का चुनाव, पैसे का चुनाव बना दिया गया है चुनाव मैदान में सबको बराबरी का अधिकार न

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